| PDF NAME | अपठित गद्यांश |
| SIZE | 680 KB |
| CLASS | 10th |
| जैव प्रक्रम NOTES PDF | DOWNLOAD NOW |
★ अपठित गद्यांश
आपके प्रश्न पत्र में दो अपठित गद्यांश होंगे। प्रत्येक गद्यांश के नीचे कुछ प्रश्न दिए रहेंगे। प्रश्नों के उत्तर देने से पूर्व गद्यांश को पढ़कर अच्छी तरह समझ लेंगे। दिए गए प्रश्नों में कुछ प्रश्न तथ्य या सूचना आधारित होंगे तो कुछ समझ आधारित । तथ्य या सूचना आधारित प्रश्नों के जवाब सीधे गद्यांश में मिल जाएँगे। हाँ, समझ आधारित प्रश्नों के जवाब आपको गद्यांश के संदर्भ और भाव को समझते हुए देना है।
नीचे के उदाहरण से हम इसे और आसानी से समझ सकते है:
गद्यांश
मैं बिहारी हूँ। मुझे बिहारी होने का गर्व है। बुद्ध की कर्मभूमि और महावीर की जन्मभूमि में जन्म लेकर मैं अपने-आपको भाग्यशाली मानता हूँ। इस प्रांत के वैशाली जिला के अंतर्गत गोरौल थाना क्षेत्र में एक बड़ा गाँव है, जो शहर से दूर - सुदूर हरियाली और विभिन्न रंगीलियों तथा ऐतिहासिकता को समेटे हुए है, जिसे सोंधों नाम से जाना जाता है। जानकार बताते है कि प्राचीनकाल में कभी महेंद्र सिंधु कोई राजा यहाँ राज करते थे। यद उन्हीं सिंधु शब्द से सोंधों शब्द की उत्पत्ति हुई होगी। खैर, जो भी हो उसने यहाँ की सभ्यता, संस्कृति और पौराणिकता के आधार को अभी भी बनाए रखा है। नारायणी और पुण्य सलिला गंगा के तट पर अवस्थित वैशाली (जिला) राजधानी पटना के उत्तर गंगा पार है।
• नीचे दिए गए प्रश्नों के जवाब दें:
1. गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक दें।
2. महेंद्र सिंधु कौन थे?
3. वैशाली पटना के किधर स्थित है?
4. लेखक को बिहारी होने पर गर्व क्यों है?
आपको प्रश्न सं० ( 1 ) और (4) के उत्तर संदर्भ / भाव / समझ के आधार पर देने होंगे जबकि प्रश्न सं0 (2) और (3) के उत्तर सीधे-सीधे गद्यांश में दिख रहे है, यथा प्रश्न सं० ( 2 ) महेंद्र सिंधु सोंधों के राजा थे और 3 वैशाली पटना के उत्तर में स्थित है। जहाँ तक गद्यांशों के शीर्षक देने का सवाल है, जैसे ही आप गद्यांश को पढ़ेंगे कुछ मुद्दे पूरे गद्यांश में छाए रहेंगे। जैसे, ऊपर के गद्यांश में बिहार के गौरव का वर्णन है। अतः 'मैं बिहारी हूँ', 'मेरा बिहार', 'गौरवशाली बिहार' आदि शीर्षक दिए जा सकते है।
